तँए हराउ कोरोनमा ! भगाउ कोरोनमा - Vidyanand Bedardi

जिनगी छै हिरा,जिनगी हेयौ छै सोनमा
जियब त, मुल्कह अर्जबे करबै यौ धनमा

चित्र: दैनिक जागरणसँ
तँए हराउ कोरोनमा! भगाउ कोरोनमा!!
नमस्कार करू दूरेसँ बात करू
साबुन पानिसँ हाथके साफ करू
मास्क पहिरू हर्दम, झापू थुथुनमा
छु मन्तर हेतै कपरजरूआ कोरोनमा


सरदी खोकीमे रहियौ अलग-अलग
धेलक जर, अखने जाउ डाक्टर लग
लड़ियौ स्वयंसँ स्थिर ककऽ मोनमा
छु मन्तर हेतै कपरजरूआ कोरोनमा


नइ करू यौ धुमधड़का अखन
बन्न करू भिड़भड़का अखन
बैठू क्वारेन्टाइन भऽ घरक कोनमा
छु मन्तर हेतै कपरजरूआ कोरोनमा


भेल जाइछै सब शहर लाकडॅन
लाबि लिय यौ मासभरिक अन्न
खाउ पिबू,पढ़ु, देखु, टिभी फोनमा
छु मन्तर हेतै कपरजरूआ कोरोनमा


लेखन:
विद्यानन्द बेदर्दी
-मिथिला साहित्य कला प्रतिष्ठान नेपाल
राजविराज, नेपाल