गजल
बिसरि कऽ अहाँकेँ, हम जियब कोनाहद सँ बेसी दर्द, हम सहब कोना
अश्रुधारके जाम अहाँ द ! त ! देलहुँ ,
ई बता दिअ की हम पियब कोना
चाहै छी हम, अपना जान सँ बढ़िके
तस्वीरसँ अहाँके हम कहब कोना
writer's picture |
तकदीरमे हमरा अहाँ त नइँ छी मुदा
अहाँ बिनु ई जीवन जियब कोना
जीवन में अहाँ तऽ हमरा नइँ देखलहुँ ,
आब एक लाश छी हम, सजब कोना
लेखिका
करुणा झा
राजविराज, सप्तरी (नेपाल)
Social Plugin